How To Lease A Car in India: यदि आप कार को Lease पर लेने का प्लान कर रहे है तो यह एक अच्छा विचार है क्योंकि आप बीमा नवीनीकरण, प्रदूषण या अतिरिक्त खर्चों के बारे में चिंता किए बिना Luxury Car के साथ साथ इन सभी लाभों का आनंद ले सकते हैं। Leasing Car पर आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि के अलावा आपको अतिरिक्त खर्चो का भुगतान नहीं करना पड़ता है।
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वाहन किराये पर लेने से आपको वाहन Tax पर 30% तक की बचत करने में मदद मिलेगी और वाहन टैक्स भुगतान स्वयं वाहन मालिक ही करेगा। अतः कार को Lease / किराये पर लेना एक अच्छा विचार है। आज हम आपके लिये लेकर आये है कि आप कार लीज पर कैसे ले सकते है, कौन-कौन सी कंपनी Car Lease पर देती है Car Lease पर लेने के क्या-क्या फायदे है आदि सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के लिये बने रहिये हमारे साथ।
अब भारत में कई कंपनियां जैसे Hyundai, Mahindra , Mercedes, Kiat के साथ साथ Skoda ने भी लोगो को कार लीज पैर देना शुरू कर दिया है। कार को लीज पर लेना आपके लिए तब ज्यादा अच्छा होता है जब आप 2-३ साल तक एक ही शहर में रहते है अर्थात आप एक ही कंपनी में ज्यादा समय तक टिके रहते है आपका जल्दी ट्रान्सफर नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में Car Lease पर ले सकते हैं।
How To Lease A Car in India
Car Lease Scheme के अंतर्गत आप कार के मालिक से कार किराये पर ले सकते हैं। इसके लिए आपको कार को हायर करने का प्लान, कार का मोडल और माइलेज जैसी कुछ चीजें Select करना होगा। लीज कंपनियों द्वारा 12 महीने से 48 महीने तक कार लीज पर दी जाती है। आपको पहले महीने में एक साल का इंश्योरेंस का खर्च वहाँ मालिक/कंपनी को देना पड़ता है। लीज पूरी होने के बाद आप चाहे तो लीज प्लान बढ़ा सकते हैं या इस लीज को समाप्त कर दूसरी नयी कार को लीज पर ले सकते है।
Top 10 Car Leasing Companies in India (Car Lease Companies in India)
- Maruti Suzuki
- Chola Mandalam Finance
- Zoomcar
- Mahindra
- Hyundai Capital India
- Orix Leasing
- Mercedes
- Skoda
- IndusInd Leasing & Finance
- Tata Motors Finance
ये कंपनियां आपको कारें Lease पर देती हैं, जिसमें लक्जरी कारें भी शामिल हैं। इन कारो को आप प्रति घंटा, दैनिक, साप्ताहिक और मासिक योजनाएं इत्यादि अपनी सुविधा के अनुसार Lease पर लेकर इस्तेमाल कर सकते है। अब आपको कार को किराये पर लेने के लिए आप उपरोक्त कम्पनीज में से किसी भी कंपनी की ऑफिसियल वेबसाइट या ऐप पर जाकर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कार और Plan चुन सकते हैं
जहां आपको अपनी I.D Proof संबन्धित कागजात कंपनी में जमा कराने होंगे। विशेष तौर पर आपको बता दें कि गाडी को किराये पर लेते समय उससे सम्बन्धित सभी जानकारी जैसे किराया, माइलेज भत्ता, बीमा कवरेज और देर से वापसी शुल्क इत्यादि सभी सम्बन्धित जानकारी गाडी मालिक / कंपनी से प्राप्त कर लें।
What is the Difference Between Finance Lease Car And Hire Purchase Car
Difference in Ownership / स्वामित्व मे अंतर:-
Finance Lease: आपके पास कार नहीं है। आपको किराया की अवधि के लिए इसका उपयोग करने का अधिकार है, लेकिन अंत में, आप इसे कंपनी/गाड़ी मालिक को वापस कर देते हैं। आपके पास इस कार को निर्धारित मूल्य पर खरीदने का विकल्प हो सकता है, लेकिन इसकी गारंटी नहीं है की कार मालिक आपको कार बेंचे या ना बेंचे।
Hire Purchase: प्रत्येक मासिक भुगतान के साथ आप धीरे-धीरे कार का स्वामित्व प्राप्त कर लेते हैं। एक बार जब आप सभी किस्तों का भुगतान कर देते हैं, तो आप पूर्ण स्वामी बन जाते हैं।
Difference in Down Payment / अग्रिम भुगतान मे अंतर:-
Finance Lease: आमतौर पर किसी डाउन पेमेंट की आवश्यकता नहीं होती है।
Hire Purchase: आमतौर पर कार के मूल्य का 10-20% डाउन पेमेंट की आवश्यकता होती है इसके बाद ही आप गाड़ी को घर ले जा सकते है।
Difference in Monthly Payment / मासिक भुगतान मे अंतर:-
Finance Lease: मासिक भुगतान मेकार के मूल्यह्रास और ब्याज को कवर करता है। वे किराया खरीद भुगतान से कम हो सकते हैं।
Hire Purchase: भुगतान मूल्यह्रास और ब्याज शुल्क को कवर करता है। ये अक्सर Finance Lease भुगतान से अधिक होते हैं।
Difference in Mileage Restrictions/ माइलेज प्रतिबंध मे अंतर:-
Finance Lease: आमतौर पर माइलेज नियत होता हैं। उनसे अधिक होने का मतलब अतिरिक्त शुल्क है। अर्थात गाडी कितने लिमिट तक चलेगी पहली ही तय कर लिया जाता है तय लिमिट से ज्यादा गाडी चलती है तो उसका चार्ज अलग से देना पडता है।
Hire Purchase: कभी-कभी माइलेज नियत होते हैं लेकिन वे Finance Lease की तुलना में अधिक लचीले हो सकते हैं अर्थात गाडी कितने भी लिमिट/किलोमीटर तक चलाई जा सकती है।
Difference in End of Term/ अवधि के अंत में अंतर :-
Finance Lease: आपको कार ज्यो की त्यों ही अच्छी स्थिति में लौटानी पड़ती हैं। आपके पास इसे खरीदने का विकल्प हो सकता है लेकिन यह कंपनी या वाहन स्वामी पर निर्भर करता है कि वो अपनी गाडी को बेचे या ना बेचे।
Hire Purchase: कार आपके पास पूरी तरह से है और आप इसके साथ जो चाहें कर सकते हैं, जैसे इसे बेचना या रखना। किश्ते पूरी होने के उपरान्त आप पूर्ण रूप से इस गाडी के स्वामी बन जाते है।
हमारे द्वारा आपको Finance Lease & Hire Purchase दोनों विकल्पो में जानकारी मौजूद करायी गयी है आपके लिए कौन सा विकल्प सही है यह आपकी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।
In Finance Lease How Many Parties Are Involved?
(वित्त पट्टे में कितने पक्ष शामिल होते हैं)
एक Finance Lease में, आम तौर पर दो मुख्य पक्ष शामिल होते हैं:-
Lessor (स्वामी) & Lsseee (किरायेदार) Lessor/स्वामी: यह वह पक्ष होता है जो संपत्ति (कार) का मालिक है और इसे किरायेदार को Lease पर देता है। संपत्ति (Car) प्राप्त करने और उसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार Lessor होता है।
Lesseee/ किरायेदार: यह वह पक्ष है जो किराया समझौते की नियत अवधि के लिए संपत्ति/कार का उपयोग करता है और गाड़ी मालिक को नियमित रूप से भुगतान करता है तथा किराये की अवधि के दौरान स्वामित्व के कुछ लाभ प्राप्त कर सकता है, लेकिन संपत्ति का पूर्ण स्वामित्व नहीं रख सकता। हालाँकि ये दोनों मुख्य पार्टियाँ हैं, इनके अलावा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पार्टियाँ भी शामिल की जा सकती है जैसे – गारंटर, बीमा कंपनी इत्यादि को भी शामिल किया जा सकता है।
Conditions For Finance Lease
Car Finance Lease की शर्तें लीजिंग कंपनी और आपकी व्यक्तिगत स्थितियों के आधार पर अलग अलग हो सकती हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य शर्तें हैं जो आमतौर पर भारत में अधिकांश Car Finance Lease में एकसमान पायी जाती हैं। Car Finance Lease मे मुख्य शर्तो मे अहम बिन्दु इस प्रकार से है-
आपकी आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और आपके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना भी अनिवार्य है। मासिक भुगतान करने के लिए आपके पास एक नौकरी और आय या आय का कोई संसाधन होना चाहिए। Car Lease आवेदन करने के लिए आपके पास पहचान पत्र, Address Proof और Income Certificate जैसे Documents होने जरूरी है जिन्हे कम्पनी में जमा करने की आवश्यकता होती है।
Car Lease आमतौर पर 12 से 48 महीने तक सीमित होती है। कुछ Car Finance Lease Companies द्वारा डाउन पेमेंट भी जमा कारवाई जाती है जो कार के मूल्य का 1 प्रतिशत तक हो सकता है।
Special Requests विशेष आग्रह
Car Lease Agreement Documents पर हस्ताक्षर करने से पहले Lease Agreement के नियमो और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझे उस के बाद ही लीज सम्बन्धी एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर करें। अगर कोई शर्त पूरी तरह से समझ नहीं आ रही है तो उसके बारे में सम्बन्धित व्यक्ति से जानकारी लें उसके बाद ही कदम आगे बढाये।
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सबसे अच्छा और उम्दा सौदा खोजने के लिए अलग अलग कार लीजिंग कम्पनीज से सम्पर्क करे उनकी सुविधाए और लीज एग्रीमेन्ट की शर्तो के बारे में जानकारी हासिल करे उसके बाद जो सबसे बेहतर लगे उस कम्पनी या व्यक्ति से कार लीज एग्रीमेन्ट सम्बन्धी प्रक्रिया को आगे बढवाये। Agreement पर हस्ताक्षर करने से पहले इसमें शामिल सभी शुल्कों को अच्छी तरह से समझें। याद रखें,
Car Lease एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है आप इस अनुबंध में Entry करने से पहले Car Lease संबंधी सभी नियम और शर्तों को समझ लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि लीज आपके बजट और लक्ष्यों के अनुसार सही है या नहीं है, किसी वित्तीय सलाहकार को कुछ पैसा देकर भी Car Lease से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करना भी एक मुख्य एवं सरल उपाय है।